मैं, असहाय ना होकर भी, स्वयं को असहाय अनुभव करती रहूंगी मैं, असहाय ना होकर भी, स्वयं को असहाय अनुभव करती रहूंगी
वह गेट के दरवाजे से इस तरह सर उठा कर निकला मानो स्वयं भगवान नरसिंह हरिणकश्यप को चीर कर वह गेट के दरवाजे से इस तरह सर उठा कर निकला मानो स्वयं भगवान नरसिंह हरिणकश्यप को ...
अगर दोष है तो सिर्फ पुरुष का जो अपने को खुदा समझता है अगर दोष है तो सिर्फ पुरुष का जो अपने को खुदा समझता है
औरत बोझ नहीं होती उसे भी वही सम्मान मिलना चाहिए जो उसका हक़ है औरत बोझ नहीं होती उसे भी वही सम्मान मिलना चाहिए जो उसका हक़ है
100 न पर काल करके पुलिस बुलाई और उसके माँ बाप ग्राम पंचायत आदि के बीच उसको नँगा किया 100 न पर काल करके पुलिस बुलाई और उसके माँ बाप ग्राम पंचायत आदि के बीच उसको नँगा ...
संतोषी आदमी की भूख चींटी से छोटी होती है। संतोषी आदमी की भूख चींटी से छोटी होती है।